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6 ऊर्जा के स्त्रोत

प्रश्न — ऊर्जा का उत्तम स्त्रोत किसे कहते है?

उत्तर — एक उत्तम ऊर्जा स्त्रोत वह कहलाता है जो — 
  1. सतत् अनवरत् रूप से प्रचुरता में आसानी से उपलबध हो। 
  2. नवीनीकरणीय हो। 
  3. पर्यावरण के लिए हानि रहित (पर्यावरण — मित्र) हो। 
  4. मितव्ययी हो। 
प्रश्न — उत्तम ईधन किसे कहते है?
उत्तर — उत्तम ईधन — ''अधिक कैलोरी मान वाला आसानी से कम मूल्य पर सर्वदा उपलब्ध, संग्रहण एवं परिवहन में प्ररक्षित ईधन उत्तम ईधन या आदर्श ईधन कहलाता है। 

प्रश्न — यदि आप अपने भोजन को गर्म करने के लिए किसी भी ऊर्जा का उपयोग कर सकते है तो आप किसका उपयोग करेंगे और क्यों?

उत्तर — हम भेाजन को गर्म करने के लिए गैसीय जीवाश्म ईधन (LPG या प्राकृतिक गैस) का प्रयोग करेंगे क्योंकि यह एक उत्तम एवं प्रयोग में आसान ईधन है। 

प्रश्न — जीवश्मी ईधन की क्या हानियॉ है?

उत्तर — जीवाश्म ईधन की हानियॉ 
  1. इनके दहन से कार्बन डाइआॅक्साइड, कार्बन मोनोआॅक्साइड, सल्फर के आॅक्साइड, नाइट्रोजन के आॅक्साइड, लेड आॅक्साइड आदि अनेक वायु प्रदूषक उत्पन्न होते हैं। 
  2. ठोस जीवाश्म ईधन से राख आदि अपशिष्ट बचते हैं। 
  3. वायु में हानिकारक गैसों के अतिरिक्त कार्बन के कण एवं धुआॅ उत्पन्न होता है। 
  4.  इसके अतिरिक्त यह एक अनवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोत है। 

प्रश्न — हम ऊर्जा के वैकलिपक स्त्रोंतो की ओर क्यों बढ़ रहे हैं?

उत्तर — परम्परागत ऊर्जा स्त्रोत हमारी जीवन शैली के बढ़ते स्तर के कारण उत्पन्न ईधन की अत्याधिक आवश्यकता की आपूर्ति के लिए पर्याप्त नहीं है इसलिए हम ऊर्जा के वैकल्पिक (गैर — परम्परागत) ऊर्जा स्त्रोत की ओर बढ़ रहे हैं। 

प्रश्न — हमारी सुविधा के लिए पवन तथा जल ऊर्जा के पारम्परिक उपयोग में किस प्रकार से सुधार किए गए हैं?

उत्तर — हमारी सुविधा के लिए पवन तथा जल ऊर्जा के पारम्परिक उपयोग के स्थान पर उससे विद्युत उत्पादन किया जा रहा है जो बहु उपयोगी और सरल है। 

प्रश्न — सौर कुकर के लिए कौन — सा दर्पण (अवतल, उत्तल, अथवा समतल) सर्वाधिक उपयुक्त होता है?

उत्तर — समतल दर्पण। 

प्रश्न — महासागरों से प्राप्त हो सकने वाली ऊर्जाओंं की क्या सीमाएॅ हैं?

उत्तर — महासागरीय ऊर्जाओं (ज्वारीय ऊर्जा, तरंग ऊर्जा एवं महासागरीय तापीय ऊर्जा) की दक्षता अति विशाल​ है परन्तु इनके दक्षता पूर्वक व्यापारिक दोहन में अनेक कठिनाइयॉ हैं।

प्रश्न — भूतापीय ऊर्जा क्या होती है?

उत्तर — भूतापीय ऊर्जा — ''जब जल भूमि के अन्दर तप्त स्थलों के सम्पर्क में आता है तो वाष्पाीकृत हो जाता है जो पृथ्वी से बाहर गरम वाष्प (ऊष्मा स्त्रोत) के रूप में निकल जाती है। इस वाष्प की ऊर्जा का उपयोग विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करने में किया जाता है। इस ऊर्जा को भूतापीय ऊर्जा कहते हैं।''

प्रश्न — नाभिकीय ऊर्जा का क्या महतव हैं?

उत्तर — नाभिकीय ऊर्जा का महत्व —
  1. नाभिकीय ऊर्जा का उपयोग विद्युत उत्पादन में किया जा सकता है। 
  2.  नाभिकीय ऊर्जा का उपयोग पनडुब्बी को चलाने में किया जाता है।
  3. कैंसर जैसी बीमारियों के इलाज में इसका उपयोग होता है। 
  4. कृषि एवं उद्योग क्षेत्र में इसका उपयोग होता है। 
  5. इसमें गलोबल वार्मिग को बढ़ाने वाली गैसें उत्पन्न नहीं होती है।
प्रश्न — रॉकेट ईधन के रूप में हाइड्रोजन का उपयोग किया जाता रहा है? क्या आप इसे  की तुलना में अधिक स्वच्छ ईधन मानते हैं? क्यों अथवा क्यों नहीं?
उत्तर — हॉ, हम हाइड्रोजन को    की तुलना में अधिक स्वच्छ ईधन मानते हैं क्योकिं हाइड्रोजन के दहन से जलवाष्प बनती है जो प्रदूषण पैदा नहीं करती जबकि   के दहन से कार्बन डाइक्आॅक्साइड और कार्बन मोनोआॅक्साइड गैसें बनती हैं जो वायु प्रदूषण करती है।

प्रश्न — ऐसे दो ऊर्जा स्त्रोतों के नाम लिखिए जिन्हें नवीकरणीय मानते हैं? अपने चयन के लिए तर्क दीजिए। 

उत्तर — नवीनीकरणीय ऊर्जा स्त्रोत (1) बायो गैस, (2) सौर ऊर्जा हैं। क्योंकि ये समाप्त होने वाले नहीं हैं बायोगैस, बायोमास (जन्तु एवं वनस्पति अपशिष्टों) से बनती है जो सदैव प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हो सकती है और सूर्य सदैव चमकता रहेगा और हमको ऊर्जा प्रदान करता रहेगा।

प्रश्न — ऐसे दो ऊर्जा स्त्रोतों के नाम लिखिए जिन्हें आप समाप्त मानते हैं। अपने चयन के लिए तर्क दीजिए। 

उत्तर — समाप्त ऊर्जा स्त्रोत — कोयला, पेट्रोलियम हैं क्योंकि ये दोनों ही ऊर्जा स्त्रोत प्राकृतिक उथल—पुथल के परिणामस्वरूप हजारों लाखों वर्षो में बनकर तैयार हुए है। इनका प्राकृतिक भण्डारण भी सीमित है तथा इनका नवीनीकरण नहीं किया जा सकता।

प्रश्न — सौर कुकर का उपयोग करने के क्या लाभ एवं हानियॉ हैं? क्या ऐसे भी क्षेत्र हैं जहॉ सौर कुकरों की सीमित उपयोगिता है?

उत्तर — सौर कुकर के उपयोग के लाभ —
  1.  ईधन की बचत होती है। 
  2. प्रदूषण नहीं होता है। 
  3. रख — रखाव पर कोई खर्चा नहीं होता अर्थात् आर्थिक बचत होती है। 
  4. खाना स्वादिष्ट एवं पौष्टिक बनता है। 
  5. खाने के जलने की सम्भावना नहीं रहती। 
  6. एक ही समय में चार — पॉच खाघ पदार्थ पकाए जा सकते हैं। 
सोलर कुकर के उपयोग की हानियॉ (सीमाएॅ) —
  1. सौर प्रकाश (धूप) की अनुपस्थिति में इसका उपयोग नही किया जा सकता। 
  2. वस्तुओं को तलने, रोटी—पूड़ी आदि सेकना सम्भव नहीं। 
  3. खाना बनने में अधिक समय लगता है। इसलिए तुरन्त खाना नहीं बना सकतें 
  4. चाय आदि बनाना मुश्किल ही नहीं असम्भव ही होता हैं। 
हॉ ऐसे क्षेत्र भी हैं जहॉ सौर कुकरों की सीमित उपयोगिता है जहॉ धूप (सूर्य प्रकाश) कम समय के लिए तथा कम तीव्रता की होती है।

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